15th August 2022 : स्वतंत्रता दिवस निबंध,भाषण, इतिहास | Independence Day of India

स्वतंत्रता दिवस कब, कैसे मनाया जाता है निबंध, भाषण, 15 अगस्त 2022, 75वीं वर्षगांठ, सेनानी (15th August Independence Day in hindi, Essay, Speech, Date, Celebration, Parade, Swatantrta Diwas)

15 अगस्त 1947 के दिन भारत को ब्रिटिश शासन से पूरी तरह से आजादी मिली तब से हर साल भारत में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है हर भारतीय के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है।

इस दिन की शुरुआत भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली में लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फ़हरा कर शुरुआत की थी। भारत वासियों के लिए स्वतंत्रता दिवस का बहुत अधिक महत्व है। हर एक भारतीय इस दिन को याद कर के गौरवान्वित महसूस करता है। 

भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए कई हजारों लाखों लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी थी। इस कुर्बानी के बदले तो हम कुछ नहीं कर सकते, लेकिन कम से कम स्वतंत्रता दिवस के दिन हम उन महान विभूतियों को याद कर श्रद्धांजलि तो दे ही सकते हैं।

चलिए आज उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं, जिन्होंने अपने देश की आन बान शान के लिए अपनी जान गवां दी। 

स्वतंत्रता दिवस क्या है?

स्वतंत्रता दिवस यह वह दिवस है जिस दिन भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। तब से यह हर साल स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। इसे आजादी का दिन भी कह सकते हैं।

भारत में स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त को मनाया जाता है, क्योंकि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार हैं। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, और भाषण देते हैं। इस दिन परेड, समाहरो, सांस्कृतिक आयोजन इत्यादि के साथ इस त्यौहार को मनाया जाता हैं।

दिनस्वतंत्रता दिवस
तारीख15 अगस्त 1947
प्रतिवर्ष कब मनाया जाता है?15 अगस्त
किस प्रकार का पर्व है?राष्ट्रीय पर्व
पहली बार कब मनाया गया?1930 में
2022 में आजादी के वर्ष?76 वर्ष

स्वतंत्रता दिवस कब और कैसे मनाया जाता है?

पंद्रह अगस्त के  दिन भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली थी। इसी याद में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। 15 अगस्त को एक नए स्वतंत्र भारत का जन्म हुआ था। इस दिन अंग्रेजों ने भारत छोड़ा, इसीलिए यह भारत के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिवस है, और हर भारतीय इस दिन को मिलकर बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाता है। इस दिन सभी राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय सरकार के कार्यालय बैंक, डाकघर, बाजार, व्यवस्था और संगठन आदि बंद रहते हैं।

यह सार्वजनिक समुदाय और समाज सहित छात्रों और शिक्षकों द्वारा सभी स्कूलों कॉलेज और अन्य शैक्षिक संस्थानों में भी मनाया जाता है। इस दिन उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को (जिन्होंने बहुत योगदान दिया और भारत की आजादी के लिए लड़ाई की) याद करते हैं, और उनको श्रद्धांजलि दी जाती है।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व?

स्वतंत्रता दिवस का बहुत ही अत्यधिक महत्व है, क्योंकि इस दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से आजादी मिली थी। इसके लिए देश के वीरों ने अपने प्राणों की कुर्बानी दी थी, और बहुत संघर्ष किया था।

महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अब्दुल कलाम, आजाद सुखदेव, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, चंद्रशेखर आजाद आदि महान हस्तियों के बलिदान के कारण ही आज हम स्वतंत्र भारत में रह रहे हैं।

स्वतंत्रता का क्या मतलब होता है?

स्वतंत्रता हर व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्वतंत्रता रूपी जीवन, नागरिकों को कहीं भी घूमने, अपने मनपसंद का खाने-पीने और अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करने की आजादी देता है, गुलामी का जीवन बहुत ही दुख भरा होता हैं। स्वतंत्रता हर एक इन्सान का मूल अधिकार है।

हमें अंग्रेजों से 200 वर्ष के बाद आजादी मिली। जब तक हम अंग्रेजों के गुलाम थे, तब तक भारत वासियों ने बहुत सी यातनाएं सही। हमें काफी संघर्ष करने के बाद अंग्रेजों से आजादी मिली थी, इसलिए स्वतंत्रता को संभाल कर रखना हम सभी का दायित्व है।

जानिए भारत का सुप्रसिद्ध त्यौहार रक्षाबंधन कब है

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

प्रस्तावना

15 अगस्त 1947, को हमारे इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा गया हैं। क्योंकि यह ऐसा दिन है, जिस दिन अंग्रेज भारत छोड़ने पर मजबूर हो गए थे, और भारत को 200 साल बाद अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। गांधी जी, भगत सिंह, लाला लाजपत राय, और चंद्रशेखर आजाद जैसे हजारों देशभक्तों की कुर्बानी से स्वतंत्र हुआ भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में गिना जाता है। इसीलिए इसका जश्न भी उतना ही बड़ा मनाया जाता है, और अपने वीर जवानों को याद किया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस का इतिहास

जब अंग्रेजों ने भारत पर कब्जा कर लिया था, तब भारत अपने ही देश में गुलाम बन गया था। सब कुछ भारत का होते हुए भी कुछ भी भारत का नहीं था। जैसे कि धन, अनाज, जमीन, किसी पर भारतीय नागरिक का अधिकार नहीं था। अंग्रेज मनचाहा लगान वसूलते और खेती करवाते थे।

हमारे भारत में ऐसे बहुत से साहस पूर्ण सेनानी रहे, जिनकी वजह से यह दिन  इतिहास बन सका है। अंग्रेजों ने तो भारत को बुरी तरह से लूट लिया था। इसका एक उदाहरण हैं, कोहिनूर, जो आज उनकी रानी के ताज की शोभा बढ़ा रहा है।

हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर आज भी सबसे बढ़-चढ़कर हैं, और शायद यही वजह है, कि आज भी हमारे देश में मेहमानों को भगवान की तरह पूजा जाता है। इसीलिए जब- जब अंग्रेज भारत आएंगे, हम उनका स्वागत इसी तरह से करते रहेंगे, लेकिन अपने इतिहास को भी याद रखेंगे, जिससे उस इतिहास को वापिस कोई दोहरा ना सके।

कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पल जो स्वतंत्रता दिवस से जुड़े हैं। आइए उन पर एक नजर डालते हैं।

अंग्रेजों का भारत में आगमन-

17 वीं, शताब्दी में जब अंग्रेज व्यापार करने के लिए भारत आए थे, उस समय भारत में मुगलों का शासन था, और भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था, लेकिन धीरे-धीरे अंग्रेज व्यापार करने के बहाने भारत आते रहे, और अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाकर धीरे-धीरे भारत पर कब्जा कर लिया।

 इसके बाद अंग्रेजों ने कई राजाओं को धोखे से युद्ध में हरा कर, उनके क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। इसके पश्चात 18 वीं सदी तक ईस्ट एशिया कंपनी के नाम से अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया था, और आसपास के क्षेत्रों को अपने अधीन कर लिया था।

भारत के निवासी गुलाम के तौर पर-

पहले भारतीयों को इसका अंदाजा नहीं था, कि अंग्रेज यहां पर अपना कब्जा क्यों कर रहे हैं? और जब तक भारतीयों को एहसास होता, तब तक भारतीय गुलाम बन चुके थे। इसके पश्चात शुरू- शुरू में अंग्रेजों ने भारतीयों को शिक्षित होने से रोका, और उनको विकास नही करने दिया। इसके बाद उन पर अपनी चीजों को थोपना शुरू कर दिया था।

अंग्रेजों ने भारतीयों पर शारीरिक, मानसिक हर तरह का जुल्म किया। इसके चलते कई लड़ाइयां भी लड़ी गई। इनमे सबसे महत्वपूर्ण था, दूसरा विश्व युद्ध, जिसके लिए भारतीय सेना में लोगो की जबरन भर्ती की गई थी। भारतीयों का अपने ही देश में कोई भी अस्तित्व नहीं बचा था। अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग जैसे नरसंहार को भी अंजाम दिया, और भारतीय अंग्रेजों के गुलाम बन कर रह गए थे।

अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारतीयों का गुस्सा-

अंग्रेजों का अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था, इसलिए भारतीय लोग परेशान हो गए थे, और इससे भारतीयों में उनके प्रति गुस्सा और बदले की आग भी बढ़ती जा रही थी। अंग्रेजो के खिलाफ पहली बार 1857 में मंगल पांडे को विद्रोह के रूप में देखा गया था, लेकिन मंगल पांडे के इस विद्रोह के कारण उन्हें मार दिया गया था। इससे लोगों में अंग्रेजों के प्रति गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया था, और नए- नए आंदोलनो की शुरुआत भारतीयों द्वारा की गई थी।

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना-

इस वातावरण के बीच 28 दिसंबर 1885 को 64 व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की नींव रखी गई। जिसमें दादा भाई नौरोजी और ए ओ ह्यूम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके बाद भारतीय लोग बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लेने लगे।

इसी दौरान भारतीय मुस्लिम लीग की भी स्थापना हुई। ऐसे ही कई दल सामने आए और उनके योगदान का नतीजा है, कि भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इस स्वतंत्रता को प्राप्त करने के लिए, कई स्वतंत्रता सेनानियों ने गोली खाई और बहुत से लोगों को फांसी हुई।

आजादी की मांग-

अंग्रेजों के बढ़ते अत्याचार के चलते भारतीय लोग बहुत ही ज्यादा गुस्से में थे, और अपनी आजादी की मांग करने लगे। जिसकी वजह से आंदोलन और अंग्रेजी सरकार के खिलाफ लड़ाई आए दिन होती रहती थी।

स्वतंत्रता के लिए स्वतंत्रता सेनानियों का महत्वपूर्ण योगदान-

भारत को आजादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया। उन में से सबसे अतुल्य बलिदान महात्मा गांधी का रहा। भारत पर लगभग 200 साल तक अंग्रेजों का शासन रहा। जिसको गांधी जी ने सत्य और अहिंसा जैसे दो हथियारों से हारने पर मजबूर कर दिया था।

महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा को अपना हथियार बनाकर लोगों को प्रेरित किया, और अंग्रेजो के खिलाफ लड़ने के लिए उकसाया और देश के लोगों ने भी गांधीजी का पूर्ण सहयोग किया, और आजादी में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इसीलिए लोग उन्हें प्यार और सम्मान से बापू पुकारते थे।

हालांकि स्वतंत्रता की लड़ाई में पूरे भारतवर्ष ने अपने तरीके से कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ अवश्य सहयोग किया था। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने नेतृत्व, रणनीति और कौशल का परिचय देते हुए आजादी में अपना योगदान दिया।

अहिंसा के साथ लड़ाई करने वाले सेनानियों के नामहिंसा के साथ लड़ाई करने वाले सेनानियों के नाम
महात्मा गांधीमंगल पांडे
जवाहरलाल नेहरूचंद्रशेखर आजाद
सरदार बल्लभ भाई पटेलभगत सिंह
बाल गंगाधर तिलकआज़ाद सुखदेव

सांप्रदायिक दंगे और भारत का बंटवारा-

इसी के चलते अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा। अंग्रेज तो चले गए और भारत आजाद भी हो गया, लेकिन इनके बीच एक और जंग बाकी थी, जो थी सांप्रदायिक हमले।  फिर क्या था, सांप्रदायिक हिंसे भड़क उठे, क्योंकि नेहरू और जिन्ना मोहम्मद अली दोनों को प्रधानमंत्री बनना था। आखिर दोनों के राज प्रेम के चलते देश का बंटवारा हुआ।

भारत और पाकिस्तान नाम से एक हिंदू और एक मुस्लिम देश की स्थापना हुई। इसीलिए एक तरफ तो आजादी का माहौल था, परंतु दूसरी तरफ़ देश का बंटवारा हुआ, और 14 अगस्त को पाकिस्तान का और 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया।

स्वतंत्र भारत में आजादी का पर्व-

इसी तरह  हमारे देश के वीरो के बलिदान से देश आजाद हुआ और हमें अंग्रेजों से आजादी मिली। इसीलिए हर वर्ष अमर वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है। आज पूरा देश एकजुट होकर इस पर्व को बहुत ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाता है।

नए दौर में स्वतंत्रता दिवस के मायने-

स्वतंत्रता दिवस की तैयारी बड़ी जोरों शोरों से की जाती हैं, और हर वर्ष लाल किले पर माननीय प्रधानमंत्री जी तिरंगा लहराते हैं। उसके बाद राष्ट्रीय गान गाते हैं। फिर प्रधानमंत्री जी देश को संबोंधित करते हुए भाषण देते हैं, जिसमें स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी को याद करते हुए, आज के भारत को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी जाती है।  इसके पश्चात कुछ देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।

निष्कर्ष-

यह त्योहार हमें अपने अमर वीरों के बलिदान को याद दिलाता है, साथ में हमें अपने इतिहास को याद रखने की सीख देता है, और यह भी सीख देता है, कि किसी भी व्यापारी को व्यापार के बहाने शासन का मौका ना दिया जाए।

जानिए सावन में शिव की पूजा अर्चना करने से क्या लाभ होते है, सावन सोमवार कब है

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

आदरणीय अतिथिगण, सम्मानीय शिक्षकगण, और यहाँ मौजूद सभी  मेरे प्यारे भाइयों और बहनों का हम यहाँ स्वागत करते हैं। जैसा, कि हम सब जानते हैं, आज हम स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। इस शुभ अवसर की आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं और बधाई। आज अगर हम आजाद हैं, अपनी मर्जी से कहीं भी आ जा सकते हैं तो यह हमारे देश के महान स्वतंत्रता संग्रामियों के बलिदान का परिणाम है। आज का दिन हम उन सभी महान नेताओं और सेनानियों को समर्पित करते हैं जिन्होंने छोटे या बड़े किसी भी रूप में देश की आजादी में अपना योगदान दिया है। 

15 अगस्त हर भारतीय के लिए एक सम्मान और गर्व का दिन है। भारत को 200 साल बाद 15 अगस्त सन, 1947 को ब्रिटिश राज से आजादी मिली थी। भारत को यह आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली थी, इस आजादी के लिए लाखों लोगों ने अपनी जान गवां दी, कई परिवार उजड़ गए थे। इस आजादी की कीमत बहुत बड़ी है, जिसे हर एक भारतीय को समझना चाहिए। इसीलिए हम ऐतिहासिक रूप से उनकी याद और सम्मान में इस दिन को मनाते हैं।

हम बहुत ही भाग्यशाली हैं, कि इतिहास में हमें ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी मिले, क्योंकि उन्होंने न केवल भारत को आजादी दिलाई, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करवाया। आजादी के इस पावन अवसर पर जहां देश, प्रगति की नई- नई योजनाएं ढूंढ रहा हैं। वही हमें गुलामी के उस मंजर को कभी नहीं भूलना चाहिए, जहां हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी के लिए अपनी जान तक न्योछावर कर दी।

ब्रिटिश शासन से आजादी के लिए लड़ाई लड़ी गई, जिसमें कई सेनानी वीरगति को प्राप्त हो गए। लेकिन फिर भी भारत के निवासियों ने हार नहीं मानी। अपनी आजादी के लिए लड़ाई की। सबसे महत्वपूर्ण योगदान महात्मा गांधी जी का रहा, जिन्होंने सत्य और अहिंसा जैसे शस्त्र का प्रयोग करके अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। अंग्रेजों ने भारत को बुरी तरह लूटा था। भारत को पहले सोने की चिड़िया कहा था। भारत आर्थिक रूप से शक्तिशाली और मजबूत देश में से एक था। भारत को अंग्रेजों से आजादी तो मिली लेकिन भारतीयों को इसके लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। अंग्रेज भारत छोड़ने से पहले भारत को लूट ले गए। 

आजादी के बाद भारत देश ने दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। भारत को सशक्त बनाने में हमारे देश के नेताओं का भी बहुत बड़ा हाथ है। आज दुनिया में भारत एक शक्तिशाली देश में से एक है। पूरी दुनिया भारत को एक प्रगतिशील, शक्तिशाली देश के रूप में देखती है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आजादी के बाद से भारत देश ने विज्ञान, कृषि, अन्तरिक्ष, शिक्षा, चिकित्सा आदि में अभूतपूर्व कार्य किये हैं। 

आज अगर दूसरे देश भारत को एक शक्तिशाली देश के रूप में देखते हैं तो इसका एक बहुत बड़ा कारण हमारे देश की सेना है। आजादी के बाद से अब तक देश की सेना दिन रात दुश्मनों से हमारी रक्षा करती है, ताकि हम सुरक्षित रह सकें और अपनी आजादी का आनंद ले सकें। 

प्रियों भारत देश में अभी भी बहुत सी समस्याएं व्याप्त हैं, जिससे हम भलीभांति अवगत हैं। देश में गरीबी, बेरोजगारी, भर्ष्टाचार, अशिक्षा, कालाबाजारी जैसी कई समस्याएं हैं। देश का नागरिक होने के नाते हमें अपने देश को इन समस्याओं से आजाद करना हैं। ताकि आने वाली पीढ़ी हमें वैसे ही याद करे, जैसे हम अपने स्वतंत्रता संग्रामियों को याद करते हैं। मैं आज अपने देश के युवाओं से कहना चाहूंगी कि चलिए आज एक प्रण लेते है कि देश के विकास में सहायक होंगें, भारत देश की अखंडता, एकता को बनाये रखने के लिए हर एक प्रयास करेंगें। भारत में जब हम सब, एक होकर समस्याओं और दुश्मनों के आगे खड़े होंगें और वह दिन दूर नहीं जब पूरी दुनिया में भारत सबसे विकसित और शक्तिशाली देश बन जाएगा।

आज मैं इस शुभ अवसर पर आप को संबोधित करते हुए, उन महान आत्माओं को शत-शत प्रणाम करता हूँ/करती हूँ  और देश के सभी वीरो को  श्रद्धांजलि देते हुए अपनी इन बातों को विराम देती/देता हूं। आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय…… जय हिंद……

आशा करते हैं, आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको इससे संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए, तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

FAQs

स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है?

15 अगस्त ।

स्वतंत्रता दिवस को झंडा कहां फहराया जाता है?

दिल्ली में लाल किले पर।

स्वतंत्रता दिवस के लिए 15 अगस्त की तारीख किसने चुनी थी?

लार्ड माउंटबेटन ने।

पहला स्वतंत्रता दिवस कब मनाया गया?

26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज की घोषणा करते हुए पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।

Leave a Reply