हरियाली तीज 2024 : व्रत कथा, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त | Hariyali Teej Vrat Katha, Date

हरियाली तीज कब है 2024, व्रत कथा कहानी , महत्व, पूजा विधि मुहूर्त, मनाने का तरीका (Hariyali Teej in Hindi, Vrat Katha, Date, Puja Vidhi)

उत्सव हमारे सामाजिक ताने-बाने का एक अभिन्न अंग हैं। इनमें आनंद, उल्लास, विश्वास और परंपराएं शामिल हैं। जब पूरा परिवार  एक साथ  मिलकर कोई भी त्यौहार मनाता है तो उससे परिवार कि जड़े मजबूत होती। परिवार के सदस्यों के बीच भाई चारा बढ़ता है। 

भारत जैसे विशाल देश में कई तरह के त्यौहार मनाये जाते हैं। भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है, यही कारण है कि यहाँ सभी तरह के तीज त्यौहार सभी लोग मिलकर बड़ी ही धूम धाम से मनाते हैं।  

आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से हरियाली तीज त्यौहार के बारे में बताते हैं । यह त्यौहार मुख्य रूप से एक सुहागिन महिला का अपने जीवनसाथी के प्रति प्रेम को दर्शाता है। इसके साथ ही यह त्यौहार हमें प्रकृति की हरियाली और समृद्धि को जश्न के रूप में मनाने का मौका देता है।  चलिए विस्तार से जानते हैं कि हरियाली तीज कब, कैसे मनाया जाता है, व्रत कथा, शुभ मुहूर्त आदि। 

हरियाली तीज क्या है?

जुलाई अगस्त माह में मानसून की शुरुआत के साथ महिलाएं हरियाली तीज का त्योहार मनाती हैं। हरियाली तीज सावन माह में आता है। सावन या श्रावण का सुखदायक महीना उत्सव का प्रतीक है। यह महिना भगवान शिव को सपर्पित है, जिसमें विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा की जाती है।  हर साल यह त्यौहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को आता है। 

महिलाएं माता पार्वती से सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करती हैं, इसके साथ ही निर्जला व्रत रखती हैं। हरियाली तीज भारत की तीन तीजों में से एक है। इसे सिंधारा या सावन तीज के नाम से भी जाना जाता है। 

यह त्यौहार ज्यादातर भारत के उत्तरी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं।

हरियाली तीज कब है 2024?

हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को महिलाएं हरियाली तीज मनाती हैं। साल 2024 में हरियाली तीज 07 अगस्त को मनाई जाएगी। यह त्यौहार हरियाली अमावस्या के तीन दिन बाद और नाग पंचमी से दो दिन पहले आता है। 

 हरियाली तीज पूजा 2024 के लिए शुभ मुहूर्त

तृतीया तिथि आरम्भ06 अगस्त, 2024 को 07:52 PM
तृतीया तिथि समाप्त07 अगस्त, 2024 को 10:05 PM पर

तीज त्योहार 2024 –

हिन्दू पंचाग के अनुसार भारत में तीज तरह की तीज मनाई जाती हैं।  देश के अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग तीज का महत्व है।  ये सभी तीज का महिलाओं में विशेष महत्व है।  भले इसे मनाने का तरीका अलग हैं, लेकिन सभी तीज में महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए विशेष पूजा अर्चना और व्रत रखती हैं।  2024 में तीज इन तारीख को मनाई जाएगी –

हरियाली तीज 7 अगस्त 2024
कजरी/कजली तीज22 अगस्त 2024

हरियाली तीज क्यों मनाते हैं?

साल में एक बार आने वाली हरियाली तीज के दिन का विशेष महत्व है। यह भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का पर्व है। इस दिन शिव ने पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। तीज का त्योहार उनके उस अनूठे प्रेम को दर्शाता है, जिसे सभी महिलाएं एक जश्न के रूप में मनाती हैं। जो भी महिलाएं इस व्रत को रखती है, वो  देवी पार्वती को “तीज माता” कहकर संबोधित करती हैं, और उनकी आराधना करती हैं। इस त्यौहार की मान्यता है कि जो भी महिलाएं इस त्यौहार को पुरे विधि विधान से रखती है उन्हें शिव-पार्वती जैसे सुखद वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। 

विवाहित महिलाएं सुखद और समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए तीज व्रत का पालन करती हैं। पति की लंबी उम्र और सलामती के लिए महिलाएं कठिन व्रत रखती हैं।

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हरियाली तीज का महत्व

पार्वती माता को प्रिय हरियाली तीज, जीवनसाथी के प्रति प्रेम और स्नेह का पर्व है। महिलाएं इसे ‘छोटी तीज’ या ‘मधु श्रवण तीज’ भी कहती हैं। कुछ लोगों में यह मान्यता ​​है कि अगर अविवाहित लड़कियां पुरे विधि विधान से हरियाली तीज का व्रत रखती हैं तो उनकी जल्दी शादी हो जाती है, साथ ही उन्हें मनचाहा पति मिलता है।  इसके साथ ही उनका आने वाला वैवाहिक जीवन सुखद और समृद्ध होता है। विवाहित महिलाएं अपने पति के लंबे और सुखी जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं।

हरियाली तीज कैसे मनाई जाती है ?

  • तीज के दिन विवाहित महिलाएं एक दूसरे को को श्रृंगार की वस्तुएं देती हैं। श्रृंगार की वस्तुओं में सिंदूर, पारंपरिक कपड़े, चूड़ियाँ, मेहंदी, मिठाई, बिछुए, बिंदी आदि शामिल हैं।
  • इस दिन महिलाएं विशेष रूप से हरे रंग का लहंगा या साड़ी पहनती हैं। गहरे हरे रंग की चूड़ियाँ, गहने पहनती हैं, अपने आपको एक दुल्हन की तरह सजा कर सोलह श्रृंगार करती हैं।  ‘श्रृंगार’ आइटम वैवाहिक जीवन में समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं सोलह शृंगार करने से पति की बुराइयां दूर होती हैं।
  • सभी महिलाएं एवं लड़कियां अपने हाथों और पैरों में मेहंदी लगाती हैं। कई जगह कुछ लोग हरियाली तीज के एक दिन पहले इसके लिए बड़े आयोजन भी करते हैं।  जहाँ महिलाएं इकट्ठी होकर मेहँदी का प्रोग्राम रखती है, झूले लगाये जाते है, नाच, गाकर त्यौहार का आनंद लिया जाता है।  
  • महिलाएं  ‘निर्जला व्रत’ जैसा कठिन व्रत रखती हैं, जिसमें पानी की एक बूँद भी नहीं पीती।  कहते हैं यह व्रत करवा चौथ के व्रत से भी ज्यादा कठिन होता है।  हरियाली तीज के व्रत को महिलाएं सुबह से रखती हैं, जो अगले दिन सुबह तक रहता है।  
  • तीज के दिन घर पर महिलाएं मुख्यरूप से तरह-तरह के व्यंजन तैयार करती हैं जिसमें घेवर, नारियल के लड्डू, साबूदाने की खीर, आलू का हलवा आदि शामिल है।
  • महिलाएं अपने सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करती हैं। वे भगवान शिव के भजन और मंत्रों का पाठ करते हैं।

हरियाली तीज व्रत वाले दिन क्या करें –

जो महिलाएं हरियाली तीज का व्रत रखना चाहती हैं, वे इसे घर पर भी पुरे विधि विधान के साथ रख सकती हैं।

  • व्रत वाले दिन महिलाएं और जो भी लड़कियां इस व्रत को रखना चाहती हैं, वे सूर्योदय से पहले उठ कर, स्नान कर लें।
  • अब इस दिन महिलाओं को विशेष रूप से श्रंगार करना चाहिए, गहरे लाल या हरे रंग की साड़ी, सूट या लहंगा पहनें।
  • अपने घर को अच्छी तरह गंगाजल छिड़क कर शुध्य करें।
  • पूजा वाले स्थान को विशेष रूप से साफ़ कर, फूलों एवं अन्य चीजों से सजाएँ।
  • अब पूजा करने के लिए शिव् पार्वती की प्रतिमा को आप स्वयं मिट्टी से बना सकते हैं या यह आसानी से बाजार में भी मिल जाती हैं। अपनी सुविधानुसार आप बना भी सकते हैं, या बाजार से भी ला सकते हैं।
  • अब शिव पार्वती की प्रतिमा को एक चौकी पर साफ़ कपड़ा बिछाकर उसपर रखें। 
  • आप चाहें तो पार्वती जी का श्रंगार भी कर सकते हैं, उन्हें लाल चुनरी पहनाएं, आटे से जेवर बनाकर उन्हें पहनाएं।
  • अब पूजा स्थल पर दीये जलाए, हरियाली तीज कथा पढ़ें।
  • आरती का पाठ करने के बाद प्रसाद का चढ़ावा चढ़ाएं।

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हरियाली तीज कैसे मनाई जाती है?

महिलाओं को सजना सवरना बहुत पसंद होता है। आज हर त्यौहार में महिलाएं अलग-अलग तरीके से तैयार होना पसंद करती है। इसके साथ ही हर त्यौहार को नए नए तरीके से भी सेलिब्रेट करने का प्रयास किया जाता है। आइये आज हम आपको हरियाली तीज मनाने के कुछ अलग नए तरीके बताते है, जिससे इस उत्सव को मनाने में आपको और अधिक मजा आएगा।

  • आजकल सुंदर फूल आधारित बालों को सजाना प्रचलन में हैं। महिलाएं इन्हें पारंपरिक परिधानों के साथ जोड़ सकती हैं। आप असली या नकली किसी भी तरह के फूल लगा सकते है। 
  • इन दिनों फूलों की ज्वेलरी का भी बहुत चलन है, आप चाहें तो इसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
  • आजकल तीज के लिए कुछ जगह महिलाओं की स्पेशल पार्टी भी आयोजित होती है। आप इन पार्टी का हिस्सा बन सकती हैं, या अपनी खुद की पार्टी भी आयोजित कर सकती हैं। 
  • हरियाली तीज पार्टी आप अपने घर के गार्डन में या किसी होटल में आयोजित कर सकते हैं। यहाँ पार्टी के लिए आप कोई थीम निश्चित कर सकते हैं, फिर आप सभी महिलाओं को उसी के अनुसार तैयार होने का बोलें।
  • पार्टी में डेकोरेशन का विशेष ध्यान रखें, झूलों को लाइट एवं  फूलों से सजायें।
  • सजावट के लिए पोम पोम, चूड़ियां और फूलों का भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं।
  • महिलाएं नई-नई तरह की मेहंदी डिजाइनों को आजमा सकती हैं।
  • विवाहित महिलाएं अपने पति का नाम लिखी हुई चूड़ियां पहन सकती हैं।
  • इसके अलावा  गायन और नृत्य का एक छोटा सा मिलन समारोह का भी आयोजन किया जा सकता हैं।

हरियाली तीज व्रत कथा कहानी

हरियाली तीज का त्यौहार प्रेम कहानी, तपस्या, शिव के साथ पार्वती के पुनर्मिलन पर केंद्रित है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव से शादी करने के लिए सहमत होने से पहले देवी पार्वती ने 108 जन्म लिए थे। शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर भगवान शिव ने देवी पार्वती की इच्छा पूरी की। तब से लोग शिव-शक्ति के मिलन का जश्न मनाते हैं, और हरियाली तीज का त्यौहार पुरे हर्षोल्लास से मनाते हैंसजावट के लिए पोम पोम, चूड़ियां और फूलों का इस्तेमाल कर सकती हैं।

महिलाओं का मानना ​​है कि व्रत और अनुष्ठानों का पालन करने से उनका वैवाहिक बंधन मजबूत होता है। देवी पार्वती की कहानी से अनुयायी प्रतिबद्धता, दृढ़ता, धैर्य और स्नेह के महत्व को सीखते हैं

देश के विभिन्न हिस्सों में हरियाली तीज कैसे मनाई जाती है?

देश के उत्तरी भाग में हरियाली तीज का विशेष महत्व है। उत्सव के पीछे मुख्य उद्देश्य एक मजबूत वैवाहिक बंधन के लिए प्रार्थना करना है। आइए जानते हैं कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में हरियाली तीज को कैसे मनाया जाता है:

वृंदावन में हरियाली तीज

हरियाली तीज वृंदावन की धरती पर भव्य तरीके से मनाई जाती है। भगवान कृष्ण का स्वर्ण झूला आकर्षण का केंद्र है। झूलन लीला की रस्म अदा की जाती है। यहां भक्त गाते और झूमते हैं। हरियाली तीज के दौरान यह खुशी का उत्सव अनगिनत भक्तों को वृंदावन में आकर्षित करता है।

राजस्थान में हरियाली तीज

राजस्थान के बड़े त्योहारों में से एक है हरियाली तीज। विशेष रूप से जयपुर शहर में दो दिवसीय जुलूस का आयोजन किया जाता हैं। महिलाएं लाल साड़ी पहनती हैं और अपने हाथों को मेहंदी से सजाती हैं। वे देवी पार्वती से वैवाहिक सुख के लिए प्रार्थना करते हैं। विशेष गीत गाकर, पूजा अर्चना की जाती है।

पंजाब में हरियाली तीज

हरियाली तीज का त्यौहार पंजाब में भी मनाया जाता है। मानसून की शुरुआत पर पंजाब की भूमि इस त्योहार को उत्सव के रूप में मनाती है। यहां तीज को ‘तीयन’ के नाम से जाना जाता है। महिलाएं गिद्दा करती हैं और साथ ही उपहारों का आदान प्रदान किया जाता है। उत्सव के दौरान मेलों का आयोजन भी किया जाता है।

हरियाली तीज के लिए मेहंदी डिजाइन

तीज के दिन मेहंदी का विशेष महत्व है। लोगों का मानना ​​है कि देवी पार्वती को मेहंदी पसंद है। इसलिए, विवाहित और अविवाहित महिलाओं के हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाने का रिवाज है।

पारंपरिक पैटर्न के अलावा, हम कुछ फंकी और ट्रेंडी डिज़ाइन भी आज़मा सकते हैं।

  • क्लीन मेहंदी लुक चलन में है। महिलाएं मेहंदी को पूरे हाथों पर नहीं लगाती हैं। इन दिनों वे एक उंगली और हथेली को हल्के पैटर्न से सजाने का विकल्प चुनती हैं।
  • मेहंदी से जीवनसाथी का नाम लिखना कोई नई बात नहीं है। हालांकि लिखने के पैटर्न ट्रेंडी हो सकते हैं।
  • महिलाएं पोल्का डॉट मेहंदी डिजाइन के लिए भी जा सकती हैं। ये दिखने में खूबसूरत भी हैं और सिंपल भी।

हरियाली तीज के लिए भजन

भजन के बिना उत्सव अधूरा है। हम इस उत्सव के दौरान भावपूर्ण हिट की एक सूची बना सकते हैं। यहां कुछ ट्रैक दिए गए हैं:

  • ये माया हो एक नेपाली सुपरहिट है। महिलाएं इसे गा सकती हैं।
  • जय जय गिरिराज किशोरी देवी पार्वती के लिए सुंदर स्तुति है।
  • ऐ शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ भगवान शिव के लिए एक प्रसिद्ध भजन है।
  • मेरा भोला है भंडारी गाने के लिए एक भावपूर्ण गीत है।
  • देवी पार्वती का आरती संग्रह भी प्रसिद्ध है।

हरियाली तीज जैसे त्योहार का एक बड़ा सांस्कृतिक महत्व है। अनुष्ठान जगह-जगह भिन्न हो सकते हैं। लेकिन आस्था और भावनाओं का धागा भक्तों को बांधता है। यह एक खूबसूरत उत्सव है जहां महिलाओं को विशेष महसूस होता है। वे अपने पति के प्रति स्नेह का जश्न मनाने के लिए खुशी-खुशी उपवास के कड़े कार्य से गुजरती हैं। यहाँ आकर्षण समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ है जो सदियों से पालन किया जाता है। इसके अलावा, यह प्रकृति की समृद्धि का जश्न मनाने के रूप में भी प्रकट होता है।

FAQ

तीज के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

भारत में अलग-अलग तरह की तीज मनाई जाती है। ये हैं हरतालिका, हरियाली, सतवानी, कजरी आदि।

तीज उत्सव का आधार क्या है?

भगवान शिव-पार्वती और उनके मिलन की प्रेम कहानी।

हरियाली तीज में कौन सा व्रत रखा जाता है?

निर्जला व्रत (बिना पानी के उपवास)।

हरियाली और हरतालिका तीज में क्या अंतर है?

हरतालिका तीज गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले और हरियाली तीज के एक महीने बाद आती है।

हरियाली तीज पर पहनने के लिए कौन से कपड़े हैं?

यह लहंगा या साड़ी हो सकता है। यह क्षेत्र पर निर्भर करता है।

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