जानिए कौन है भवानी देवी, ओलंपिक में ऐसें रच दिया इतिहास | Bhavani Devi Biography

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टोक्यो ओलंपिक हर गुजरते दिन के साथ उत्साह के स्तर को बढ़ा रहा है। मीलों दूर बैठे हुए, हम अपने सभी खिलाड़ियों के कठोर प्रयासों और धैर्य को सलाम करते हैं। भारत के ‘डेयरडेविल्स’ में से एक भवानी देवी हैं, जिन्होंने सचमुच हमें ‘उन खेलों को खेलना सिखाया जो 1 लड़की खेलने का सोच भी नहीं सकती है’।

आइए जानते हैं इस महान खिलाड़ी के बारे में कुछ चौंकाने वाले तथ्य। 2020 ओलंपिक खेलों में चुने जाने के बाद भवानी से देश दुनिया में बहुत सुर्खियाँ बटोरी हैं। भवानी ने एक इतिहास रच दिया क्योंकि वह ऐसा करने वाली एकमात्र भारतीय फेंसर हैं।

Indian Fencer Bhavani Devi

कौन हैं भवानी देवी?

भवानी देवी एक भारतीय कृपाण (फेंसर) हैं। उनका पूरा नाम चडलावदा आनंद सुंदरारमन भवानी देवी है। वह टोक्यो ओलंपिक के लिए उम्मीदवार बनने वाली पहली भारतीय महिला है। उन्होंने तलवारबाजी की दुनिया में शीर्ष 50 रैंकिंग में अपनी जगह बनाई हैं।

भवानी देवी का जन्म 27 अगस्त 1993 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता जी आनंद सुंदररमन एक पुजारी हैं जबकि उनकी मां सीए रमानी एक गृहिणी हैं। उसके दो भाई और दो बहनें हैं। वह परिवार की सबसे छोटी बेटी है।

भवानी को अपनी मां से एक ऐसे क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहन मिला, जो भारत में अपरंपरागत है। उनकी मां ने सभी कठिनाइयों का सामना करते हुए उनका सहयोग किया। उसकी माँ ने उसके लिए हर प्रयास और धन की व्यवस्था की।

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भवानी देवी का करियर –

  • भवानी ने साल 2004 में सबसे पहले खेलना शुरू किया, खेल की तरफ यह उनका पहला कदम था। 
  • भवानी ने मुरुगा धनुषकोडी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। 
  • भवानी स्कूल में होने वाले खेलों में भाग लिया करती थीं।  उनकी रूचि किसी और खेल में थी, लेकिन गलती से एक बार उनको तलवारबाजी के मैदान में उतार दिया गया था।
  • भवानी ने इस खेल को खेलने का फैसला किया, जिसके बारे में अधिकतर लोगों को पता भी नहींं था। 
  • भवानी को खेल के दौरान यह महसूस हो गया था, कि तलवारबाजी की यात्रा उनके लिए इतनी आसान नहींं होने वाली है।
  • भवानी ने जब खेलना शुरू किया, तब वह बांस की डंडियों से अभ्यास किया करती थी।
  • जब भवानी साल 2004 में तलवारबाजी के खेल में चुन ली गई, तब उसके बाद उन्होंने कृपाण (तलवार) से खेलना शुरू किया।
  • 10 वीं कक्षा खत्म करने के बाद, भवानी केरल के थालास्सेरी में भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र में प्रशिक्षण लेने लगीं।
  • सन 2007 में 15 साल की उम्र में, भवानी ने तुर्की में अपने पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट कैडेट और जूनियर वर्ल्ड फेंसिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था।
  • भवानी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।

भवानी के रास्ते में आई मुश्किलें:

  • भवानी के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब थी, जिसके कारण वो विदेशों में होने वाले खर्चे नहींं उठा पाती थीं।
  • धन की कमी के कारण वह कई अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में न जा सकी।
  • उसकी मां को भवानी के खर्चों को पूरा करने के लिए पैसे उधार लेने पड़ते थे।
  • भवानी अंग्रेजी भाषा में अच्छी नहींं थी। इसीलिए विदेश भूमि में रहना, और वहां संचार करना, भवानी के लिए कठिन कार्य बन गया था।

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भवानी का टोक्यो ओलंपिक में प्रदर्शन:

पहली बार भारतीय फेंसिंग (Fencing) टोक्यो ओलंपिक में दो राउंड खेले गए । जिसमें भवानी ट्यूनीशिया के खिलाफ खेल रही थी और उनसे 15-3 के साथ जीत गई। लेकिन बाद में भवानी, दुनिया के तीसरे नंबर पर जीतने वाली मैनन ब्रूनेट से हार गई, लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहींं हारी।

भवानी देवी को मिले पुरुस्कार :

  • 2009 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कांस्य पदक।
  • 2010 इंटरनेशनल ओपन में कांस्य।
  • 2010 कैडेट एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक
  • 2010 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य।
  • 2012 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में सिल्वर और ब्रॉन्ज।
  • 2014 एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल।
  • विश्व कप स्पर्धा (आइसलैंड में) में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय।
  • टूरनोई सैटेलाइट प्रतियोगिता, 2019 में रजत और कांस्य जीता।
  • सीनियर कॉमनवेल्थ फेंसिंग, ऑस्ट्रेलिया, 2018 में स्वर्ण पदक विजेता।

भवानी देवी का जीवन परिचय :

पूरा नामचडलावदा आनंद सुंदरारमन भवानी देवी
जाना जाता हैभवानी देवी
जन्म की तारीख27 अगस्त, 1993
आयु (2021 के अनुसार)27 वर्ष
जन्मस्थलचेन्नई
राशिकन्या
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरचेन्नई
स्कूलमुरुगा धनुषकोडी उच्च माध्यमिक विद्यालय
महाविद्यालयसरकारी ब्रेनन कॉलेज,सेंट जोसेफ इंजीनियरिंग कॉलेज
शैक्षिक योग्यताबीबीए, एमबीए

FAQ 

क्या भवानी ‘राहुल द्रविड़ एथलीट इंटर्नशिप प्रोग्राम’ से जुड़ी हैं?

हां।

क्या भवानी शादीशुदा है?

नहीं।

भवानी ने अपना पहला स्वर्ण पदक कब जीता?

जब वह 12 साल की थीं। सब-जूनियर नेशनल, चेन्नई में।

भवानी के लिए आदर्श कौन हैं?

सानिया मिर्जा और सेरेना विलियम्स

तलवारबाजी का क्षेत्र भारत की महिलाओं के लिए एक नई अवधारणा है। भवानी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस खेल के लिए जगह बनाने में मदद की है।

ओलंपिक में अपनी इस जीत को हासिल करके उसने भारत के लाखों लोगों को इस खेल को खेलने की प्रेरणा दी। भवानी ने उस खेल के बारे में बताया है, जिसे आम तौर पर भारतीय द्वारा नहींं चुना जाता है। भवानी की इस कोशिश के लिए हम उसका धन्यवाद करते है, और उसकी सफलता की कामना करते है। वह ऐसे ही हमें प्रेरणा देती रहे।

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